कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना |Kabhi Fursat Ho To Jagdambe Nirdhan ke Gar Bhi Aa Jana:- "Kabhi Fursat Ho To Jagdambe Nirdhan ke Gar Bhi Aa Jana" is a Devotional Bhakti Song . The song is sung by Sonu Nigam. This Song is Presented by Gulshan Kumar. Music Level is T- series.Enjoy the Kabhi Fursat Ho To Jagdambe Nirdhan ke Gar Bhi Aa Jana Lyrics in Hindi.
Song: Kabhi Fursat Ho to Jagdambe
Starring:Gulshan Kumar
Singer: Sonu Nigam
Music Label: T-Series
Kabhi Fursat Ho To Jagdambe Nirdhan ke Gar Bhi Aa Jana Lyrics in Hindi:-
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना
जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
ना छत्र बना सका सोने का, ना चुनरी घर मेरे तारो जड़ी
ना पेडे बर्फी मेवा है माँ, बस श्रद्धा है नैन बिछाए खड़े
इस श्रद्धा की रख लो लाज हे माँ, इस विनती को ना ठुकरा जाना
जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
जिस घर के दिए मे तेल नहीं, वहां जोत जगाओं कैसे
मेरा खुद ही बिछोना धरती पर माँ, तेरी चौकी सजाऊं मै कैसे
जहाँ मै बैठा वही बैठ के माँ, बच्चों का दिल बहला जाना
जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना
तू भाग्य बनाने वाली है, माँ मै तकदीर का मारा हूँ
हे दाती संभाल भिकारी को, आखिर तेरी आँख का तारा हूँ
मै दोषी तू निर्दोष है माँ, मेरे दोषों को तू भुला जाना
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना
जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना
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